New Step by Step Map For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
श्री वाराही कवचम्
शेरों का एक समूह देवी कामाख्या की पूजा कर रहा है।
यंत्र को बनाने का तरीका और इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजे इसके महत्त्व को बढ़ा देती है.
जिसकी भी नजर तिलक पर जाएगी वो मोहन मंत्र के प्रभाव में आ जायेगा. उसके साथ सही आचरण और व्यवहार रखे जिससे की आपका यश लोगो में बढे.
इस प्रकार अगले सात दिनों तक लगातार पूजा और जप करें। इस पूजा के लिए लाल आसन पर बैठें और खुद भी लाल वस्त्र पहनें।
वशीकरण ऊर्जा और आकर्षण के सिद्धांत पर काम करता है। इसमें विशेष मंत्रों और अनुष्ठानों का उपयोग किया जाता है, जो व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करते हैं। इसके प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
नमो भगवते कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हन हन वद वद तप तप सम्मोहय सम्मोहाय सर्वजन मे वशं कुरू कुरू स्वाहा
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, वशीकरण मंत्रों का उपयोग दिल की शुद्धि और सत्य के साथ किया जाता है। यह मन की शक्तियों को जगाने का कार्य करता है और व्यक्ति को उच्च आदर्शों, स्वभाव के साथ और सच्ची इच्छा के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार, वशीकरण मंत्र व्यक्ति के मन को उनकी उच्चतम प्राप्ति की ओर प्रेरित करने में सहायता कर सकता है।
पुष्प वशीकरण, में फूलों के जरिए किसी व्यक्ति को अपने वश में किया जाता है। अधिकांश मामले में यह मंत्र प्रेमी प्रेमिका के ऊपर प्रयोग किया जाता है। इससे उनके भीतर प्रेम जाग जाता है।
ऐसा नहीं है की आप तिलक लगाकर बाहर निकले और सामने वाला वशीकरण की तरह व्यवहार करे. इसके प्रभाव से सामने वाला आपकी बात नहीं काट पायेगा.
वशीकरण मंत्रों के प्रभाव के बारे में विज्ञानिक संदर्भ और get more info सटीक आधार अभी तक नहीं हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आध्यात्मिक और अज्ञात शक्तियों का प्रभाव हो सकता है। यदि हम विज्ञानी तत्वों से इसे देखें, तो वशीकरण मंत्रों के पीछे की वास्तविकता का विज्ञान अभी तक साबित नहीं किया गया है। हालांकि, कई लोग अपने अनुभवों के आधार पर इन मंत्रों को सचमुच कारगर मानते हैं और इनका उपयोग करके समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करते हैं।
वशीकरण का नैतिक उपयोग इस पर निर्भर करता है कि इसे किस उद्देश्य से किया जा रहा है। जब इसका उपयोग रिश्तों को सुधारने, सकारात्मक बदलाव लाने, और जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, तो यह फायदेमंद साबित होता है। लेकिन गलत इरादों से इसका उपयोग हानिकारक हो सकता है और इसे पारंपरिक शास्त्रों में निषेध किया गया है।
ग्रहण समाप्त होने पर उन चारों लौंग को निकालकर ताबीज में भर लें। जब इस प्रयोग की आवश्यकता हो, तो चार लौंग को मंत्र से सात बार अभिमंत्रित करें और ताबीज से स्पर्श कराएं। इसके बाद, जिसे भी यह लौंग खिलाई जाएगी, वह व्यक्ति साधक के प्रभाव में आ जाएगा।
चन्दन, केसर, कस्तूरी, गोरोचन और कपूर का मिश्रण कर गुलाब जल या फिर गंगा जल में मिलाकर घोटे.